ज़िन्दगी से कभी कभी मैं बातें करता हूँ ......
कभी कभी अपने आप से भी मैं युहीं डरता हूँ ....
कल रात जब मैंने पुछा ज़िन्दगी से , की कैसा महसूस होता है तुम्हें
जवाब काफी अजीब था ...... उसने कहा - Digital ........
मैं कुछ समझ नहीं पाया , और थोडा सा घबराया
तब हिम्मत जुटा कर मैंने फिर से सवाल उठाया .....
ज़िन्दगी ने कहा , मेरा हर एक पहलु अब technical हो गया है
ख़ुशी की खबर को चिटठी से चुरा कर email ले गया है
अपनों की आवाजें अब केवल फ़ोन पर या chat पर ही सुनायी देती हैं
अब तो अपनी परछाई भी दुहाई देती है..............................
दिन का सबसे ज्यादा वक़्त कंप्यूटर को समर्पित हो गया है
इंसान उन्नति की होड़ में कहीं खो सा गया है
हर काम मशीन से होता है यहाँ
कभी कोई चैन से सोता है कहाँ ............!!!!
हर व्यक्तित्व एक internet profile का नकाब पहने हुआ है
हर बच्चा competition और पढाई से सहमे हुआ है
माँ-बाप का फ़र्ज़ भी अब कोई और निभाता है
बच्चा चलना शुरू करते ही play -school चला जाता है.....!
हम जब छोटे थे तो खेलना-कूदना बच्चों का गहना था
अब तो email , chatting , computer -games और play -station का ज़माना है
पर क्यूँ हम इंसान को आत्म-निर्भरता से दूर लिए जा रहे हैं
अपाहिज होने के ख्वाब मुझे क्यूँ आ रहे हैं........
सबसे अज़ीज़ कभी सिर्फ हम-सफ़र होता था
सबसे कम वक़्त अब हम-सफ़र के साथ ही बिता पाते हैं...
पर मोबाइल फ़ोन के बजते ही लोग दौड़े चले जाते हैं.....
ज़िन्दगी ने थरथराते लफ़्ज़ों में कहा, मेरे जाने का वक़्त अब हो गया है....
इंसान की भावनाएं और उसके होने का स्वरुप धुन्दले से और धुन्दला हो गया है...
Digital होने का अर्थ अब शायद तेरे ज़ेहन में भी उतर सा गया है .......!!!!!!
नया चश्मा पत्थर की शिगाफों से निकल न पाया..................
ज़माना करवट बदल के भी करवट बदल न पाया...................
8 comments:
outstanding sir. loved it.
@debu : thanks dude...!!!! and spare me as I shortened your name myself :)
True DJ, we are slaves of technology and the mostly social networking has killed the soul of relationships.
A hard hitting reality told in simple yet profound words.
Easier to read hindi in hindi...:)
True DJ, we are slaves of technology and the mostly social networking has killed the soul of relationships.
A hard hitting reality told in simple yet profound words.
Easier to read hindi in hindi...:)
i loved dis one.. come to think of it, yeh bhi pen paper leke apni diary me nahi.. tuney blog kia hai...how truly digital !!! ;)
@Sakshi : I agree with that... people even write it online rather than pen and paper...
but I wrote it on paper before... :P
ज़िंदगी को क्या खूब समझाया है आपने,अलग एवं बेहतरीन रचना।
@Indu : आपका बहुत धन्यवाद ..!!!
मुझे ख़ुशी हुई की आपको कविता पसंद आयी
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